झुमरी तलैया झारखंड में जेसिकन द्वारा आयोजित द एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया का तीन दिवसीय 22वां वार्षिक सम्मेलन रविवार को संपन्न हुआ। पहले दिन का उद्घाटन एएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार जैन और कोडरमा सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार ने किया।
इस दौरान ट्रॉमा केयर पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें दुर्घटनाग्रस्त मरीजों के सभी पहलुओं पर चर्चा की गयी. कॉन्फ्रेंस के अंतिम दिन मैक्स सुपरस्पेशलिटी दिल्ली के डॉ. शैलेश सहाय, दिल्ली एम्स के अभिनव, रिम्स के डॉ. मृत्युंजय, डॉ. विवेक राज, जनरल सर्जन डॉ. अजय कुमार, डॉ. संदीप कुमार, प्रोफेसर डॉ. आरएस शर्मा , डॉ. संदीप अग्रवाल ने भाग लिया। इस दौरान रेजिडेंट डॉक्टर के पोस्टर और वीडियो प्रेजेंटेशन को भी पुरस्कृत किया गया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कंसलटेंट यूरोलॉजिस्ट एवं एंड्रोलॉजिस्ट डॉ. शैलेश चंद्र सहाय ने कहा कि हाल के दिनों में हमारे देश में रोबोटिक सर्जरी का चलन बढ़ गया है। भारत में रोबोट के 150 से अधिक इंस्टालेशन हैं। अकेले दिल्ली में रोबोटिक सर्जरी के लिए 30 से अधिक उत्कृष्टता केंद्र हैं। अब टियर 2 भारतीय शहरों में भी रोबोटिक इंस्टॉलेशन हैं। यह पेल्विक सर्जरी और जटिल ट्यूमर सर्जरी के लिए एक वरदान बन गया है। रोबोटिक प्रणाली का लाभ इसकी 3डी दृष्टि और 7 डिग्री की स्वतंत्रता है ।
उन्होंने कहा कि रोबोट के साथ गहरे पेल्विक क्षेत्र में टांके लगाना काफी आसान है जो खुले या लेप्रोस्कोपिक दृष्टिकोण के लिए हमेशा एक चुनौती थी। यूरोलॉजी में रोबोट के साथ किए जाने वाले सबसे आम ऑपरेशन हैं रोबोटिक रेडिकल प्रोस्टेटक्टोमी, रोबोटिक आंशिक नेफरेक्टोमी, रोबोटिक रेडिकल सिस्टेक्टॉमी, रोबोटिक यूरेटेरिक रीइम्प्लांटेशन, रोबोटिक वीवीएफ रिपेयर आदि।
अब कई रोबोटों के भारतीय बाजार में आ जाने से, आवश्यक उपकरणों की लागत काफी कम हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि वह समय दूर नहीं है जब हम झारखंड में भी एक रोबोटिक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित कर सकेंगे।