डॉ. समरेन्द्र पाठक
वरिष्ठ पत्रकार
नयी दिल्ली | राजधानी दिल्ली एवं एनसीआर में वायु प्रदूषण की बढ़ती समस्या के कारण जीवन पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।
केंद्र एवं दिल्ली की सरकार बढ़ते प्रदूषण को कम करने के उपायों के बदले राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगी है। प्रमुख सार्वजानिक स्थलों कश्मीरी गेट बस अड्डा,आनंद विहार बस अड्डा, सीपी,एम्स चौराहा,लाल किला आदि स्थानों पर वायु प्रदूषण के कारण दिन में भी धुंध छाए रहते हैं। इस जगहों पर हालत ऐसी है, कि रोज़ लोगों की मौत हो रही है।
डाक्टरों के अनुसार हालत पिछले एक महीने से ऐसी है,कि लोग खांसी,बुखार,आँखों में जलन, शरीर पर चकते एवं खुजली तथा गर्भवती महिलाएं परेशान हैं।अस्पतालों में ऐसे रोगियों की तादाद लगी है। खासकर दमा एवं टीबी रोगियों के लिए जानलेवा बना हुआ है। एक नए प्रकार के निमोनिया के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। यह एक प्रकार का साइलेंट निमोनिया है,जो जल्दी पहचान में नहीं आते,लेकिन गंभीर हो सकते हैं।
अस्पताल सूत्रों के अनुसार इन दिनों इमरजेंसी में निमोनिया पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इनमें से कई मामलों में वॉकिंग निमोनिया या एटिपिकल निमोनिया देखा जा रहा है,जिसमें एक्स-रे में निमोनिया के लक्षण दिखाई तो देते हैं, लेकिन रोगी गंभीर रूप से बीमार नहीं होते हैं।
जाने माने नेत्र रोग विशेषग्य एवं पूर्व अतिरिक्त स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.के.पी.एस.मल्लिक कहते हैँ, कि बढ़ते प्रदूषण से आँखों में जलन एवं लाल होने की समस्याएं बढ़ गयी है। आजकल ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ गयी है। लोगों को इस समस्या से निपटने के लिए अनावश्यक बाहर निकलने से कुछ दिनों तक परहेज करना चाहिए और निकलने की जरूरी हो तो चश्मे का प्रयोग करना चाहिए।
वरिष्ठ चर्म रोग विशेषग्य डॉ.पंकज प्रीतम कहते हैं,कि प्रदूषण की वज़ह से शरीर पर चकते एवं खुजली की समस्याएं बढ़ गयी है। ऐसे मरीजों की संख्या इन दिनों बढ़ती जा रही है। इससे बचाव के लिए लोग आरामदेह कपडे पहने एवं नमी प्रदायक क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए।
जानी मानी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीता रस्तोगी कहती हैं, कि बढ़ते वायु प्रदूषण का असर महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी पड़ा है। खासकर ऐसी महिलाएं जो कामकाजी या वर्किंग हैं। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को खास तौर से सतर्कता बरतने की जरूरत है।
सीजीएचएस के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.ए.के.झा बताते हैं, कि दिल्ली में इस समय साइलेंट निमोनिया के मामलों में,बेतहाशा वृद्धि हो रही है। यह काफी गंभीर होता है, लेकिन इसके लक्षण धीरे-धीरे उभरते हैं। हालांकि डॉ.झा ने यह भी कहा कि यह स्पष्ट नहीं है, कि प्रदूषण ही इसका मुख्य कारण है।
मेडिसीन के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. गिरजेश रस्तोगी कहते हैं,कि खासकर उन लोगों को जो पहले से किसी पुरानी बीमारी से जूझ रहे हैं उन्हें अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए एक अच्छी जीवन,शैली अपनाना बेहद जरूरी है। जिसमें सही आहार और नियमित व्यायाम शामिल हो।एल.एस.