डॉ.समरेन्द्र पाठक (वरिष्ठ पत्रकार)
दिल्ली चुनाव 2025: दिल्ली के बुराड़ी विधान सभा क्षेत्र में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उनके सिपहसलारों की प्रतिष्ठा एक बार फिर दाव पर लग गयी है। भाजपा द्वारा छोड़ी गयी एक मात्र सीट पर क्या जदयू इस बार कामयाब होगा या फिर पुराना हश्र होगा?
वर्ष 2020 में हुए विधान सभा चुनाव में बुराड़ी से एनडीए के जदयू से शैलेन्द्र कुमार ही प्रत्याशी थे, जिन्हें आप के संजीव झा ने 88 हज़ार से अधिक मतों के अन्तर से हराया था।
आंकड़ों के अनुसार इस चुनाव ने शैलेन्द्र कुमार 51 हज़ार से अधिक मत पाए थे, जबकि वर्ष 2015 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी गोपाल झा को यहां 56 हज़ार से अधिक मत मिले थे। अर्थात भाजपा यहां अपने दम पर 5 हज़ार से अधिक मत लाने में कामयाब रही थी।
वर्ष 2020 के चुनाव में मुख्यमन्त्री कुमार एवं उनके सिपहसलारों ने जदयू प्रत्याशी शैलेन्द्र कुमार के पक्ष में सघन प्रचार भी किया था, लेकिन बिहारी मूल के आप प्रत्याशी संजीव झा को शिकस्त नहीं दे पाए थे। यही हश्र जदयू का संगम विहार में भी हुआ था।
सूत्र बताते हैं,कि इस स्थिति को ध्यान में रखकर भाजपा का एक बड़ा तबका इस बार जदयू को दिल्ली में एक भी सीट देने के पक्ष में नहीं था,लेकिन शीर्ष नेतृत्व के दबाव में अंतिम चरण में ऐसा करना पड़ा।इससे स्थानीय भाजपा के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं में काफी रोष में हैं।
कॉंग्रेस के प्रत्याशी मंगेश त्यागी कहते हैं, कि यहाँ जदयू का कोई जनाधार नहीं है। यह पार्टी बिहार में सत्ता में है। दिल्ली में जदयू की कोई हस्ती नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि स्थानीय आप विधायक संजीव झा ने डीटीसी, सीवर एवं सड़क निर्माण आदि में कई घोटाले किए हैं। कॉंग्रेस की सरकार बनते ही इसकी जांच होगी एवं वे जेल जाएंगे।
यह पूछे जाने पर कि अगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रचार में आयेंगे तो उन्होंने कहा इसका कुछ भी प्रभाव नहीं पड़ेगा। यहां की जनता जानती है,कि अगर क्षेत्र का विकास होगा तो स्थानीय नेता से ही हो सकता है।
उधर शैलेन्द्र कुमार की उम्मीदवारी से आप में खुशी की लहर है। वे कहते हैं,कि इस बार फिर श्री झा रिकार्ड मतों से जीतेंगे। अगर भाजपा का प्रत्याशी होता तो जीत का मार्जिन कम रहता।