नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में चौरीचौरा शताब्दी महोत्सव का उद्घाटन किया। उन्होंने इस मौके पर डाक टिकट भी जारी किया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चौरी चौरा शहीद स्थल पर मौजूद रहे। वही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चौरी चौरा के शहीदों की उतनी चर्चा नहीं की जाती जितनी होनी चाहिए थी। चौरी चौरा आम आदमी का आत्म-प्रेरित संघर्ष था। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “भले ही इतिहास के पन्नों में इस संघर्ष के क्रांतिकारियों को यथोचित प्रमुखता नहीं दी गई थी, लेकिन इस देश की मिट्टी में खून मिला हुआ है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में एक भी प्रकरण ऐसा देखना दुर्लभ है जहां 19 स्वतंत्रता सेनानियों को एक घटना के लिए फांसी दे दी गई थी। मोदी ने बाबा राघवदास और पंडित मदन मोहन मालवीय के प्रयासों को याद किया जिन्होंने लगभग 150 लोगों को फांसी के तख्त पर झूलने से बचाया था।
प्रधानमंत्री ने खुशी व्यक्त की कि पूरा अभियान स्वतंत्रता संग्राम के कम ज्ञात पहलुओं का पता लगाने के प्रयास में छात्रों और युवाओं को जोड़ रहा है। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों पर किताबें लिखने के लिए युवा लेखकों के शिक्षा मंत्रालय के निमंत्रण का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि चौरी चौरा के कई स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन को देश के सामने लाया जा सकता है।