नई दिल्ली ।कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता पर एक सेमिनार में बोलते हुए अधिवक्ता नवेश कुमार ने कहा कि जमीनी प्रयासों और विधिक सुधारों से ही संभव है असली महिला सशक्तिकरण महिला सशक्तिकरण ।
सेमिनार में प्रशासनिक और कानूनी क्षेत्र के कई प्रतिष्ठित लोगों के साथ मंच साझा करते हुए, उन्होंने बताया कि अमरेंद्र फाउंडेशन ने कानूनी जागरूकता अभियानों और सैनिटरी पैड वितरण कार्यक्रमों के ज़रिए समाज में बदलाव लाने का काम किया है।
उन्होंने कहा, “सच्चा सशक्तिकरण तभी संभव है जब हम घरों, समुदायों और समाज से बदलाव की शुरुआत करें और साथ ही सरकार भी नीतियों और कानूनों के ज़रिए इसे समर्थन दे।”
उन्होंने पोश एक्ट, ट्रिपल तलाक की समाप्ति और बेटियों को संपत्ति में समान अधिकार जैसे सुधारों का ज़िक्र करते हुए कहा कि ये सिर्फ कानून नहीं, बल्कि महिलाओं को सम्मान और बराबरी दिलाने की दिशा में बड़े कदम हैं।
इस सेमिनार में विभिन्न क्षेत्रों के बुद्धिजीवियों ने अपने अनुभव और विचार साझा किए कि कानून और समाज मिलकर महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते है ।