HomeLATESTकार्य के प्रति समर्पण सफलता की प्रथम कुंजी : अधिवक्ता वर्षा गुप्ता

कार्य के प्रति समर्पण सफलता की प्रथम कुंजी : अधिवक्ता वर्षा गुप्ता

बीते दशक में कानूनी पेशे और संबंधित व्यवसायों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है । देश के विभिन्न अदालतों में महिला अधिवक्ताओ की भूमिका अहम है । इसी कड़ी में यूनाइटेड बुलेटिन से साक्षात्कार में मध्य प्रदेश की अनुभवी एवं चर्चित अधिवक्ता वर्षा गुप्ता ने अपने वर्षो की प्रैक्टिस, कानून में चुनौतियां, कानून में करियर बनाने को लेकर सुझाव एवं साइबर अपराध की चुनौतियों से निपटने जैसे विषयों पर चर्चा की। पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश –

यूनाइटेड बुलेटिन : कानून में आपकी रुचि कैसे आयी और इसमें अपना करियर बनाने के लिए क्या किया?

Adv वर्षा गुप्ता : कानून में रुचि आने की भी एक कहानी है। बचपन से ही जिज्ञासु और बेबाक प्रवत्ति रही। वाद विवाद, भाषण, स्पर्धा में रुचि होने से विधि का ज्ञान लेना और इसी में करियर बनाना तय किया।

यूनाइटेड बुलेटिन: आपने अपने वर्षों के अभ्यास में महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव को कैसे देखा है?

महिलाओं के प्रति दृश्टिकोण में बदलाव का प्रतिशत आज भी कम है । जहा तक महिलाएं हर क्षेत्र में अव्वल है वही उनको आगे बढ़ता हुआ देख पुरुष प्रधान समाज से उनकी उपलब्धियां सहन नही होती । आज भी उनको लगता है महिलाएं आगे तो बढ़े पर मर्यादा, समाज, परिवार की बेड़ियों के साथ । बदलाव का प्रतिशत 50 से 60 फीसदी ही बढा है ।

यूनाइटेड बुलेटिन :डिजिटल युग के बढ़ने के साथ ही देश भर में साइबर उत्पीड़न कई गुना बढ़ा है। इस पर अंकुश कैसे लगाया जा सकता है ?

Adv वर्षा गुप्ता : डिजिटल युग में साइबर लॉ की जानकारी ही साइबर उत्पीड़न से बचा सकता है। एक और जहा साइबर सेल और सरकार जागरूकता अभियान चला रही है, वही थोड़ी सी सावधानी बरतने से और किसी समस्या पर तुरंत साइबर सेल को मिले । आवेदन दे और कारवाही करे ।

यूनाइटेड बुलेटिन : कानूनी पेशे में पुरुषों और महिलाओं के बीच अधिक समानता सुनिश्चित करने के लिए क्या जरूरी है ?

Adv वर्षा गुप्ता : कानूनी पेशा महिला और पुरुष से नही बल्कि कानूनी दलीलों और ज्ञान से चलता है । तक समानता की बात है तो न्यायालय के सामने दोनो वर्ण समान है,परंतु यदि नौकरी की बात करे तो समानता नही है। महिलाओ को आरक्षित होने का एहसास न कराकर खुद आगेबढ़ने में यकीन होना चाहिए। Either equality or Reservation दोनो चीज़े एक साथ संभव नही हैं।

यूनाइटेड बुलेटिन : क्या आप मानती हैं कि कानूनी पेशे में समाज को आकार देने की शक्ति है?

Adv वर्षा गुप्ता : हा यह सत्य है, कानून नीव है जिससे समाज का संचालन होता है। नए कानून चाहे वो विधवा विवाह, लव जिहाद या समलैंगिक विवाह हो उसका असर समाज पर तो होता ही है। कानूनी पेश वो चिंगारी है जो समाज को प्रकाशित कर सकता है ।

यूनाइटेड बुलेटिन : अपने अनुभव के आधार पर, आप युवा महिला अधिवक्ताओं को क्या सलाह देंगी?

Adv वर्षा गुप्ता : युवाओ को खासकर अधिवक्ताओं से यही कहूंगी की आप दूसरी महिलाओं की पथ प्रदर्शक है जिसमे उन्हें सर्वप्रथम घरेलू मामलों को शांतिपूर्वक तरीके से निपटाना और सामज में सुधार करना । वही कानून का विशिष्ठ ज्ञान लेकर सही ढंग से ड्राफ्टिंग पर जोर देना चाहिए । सीधे ही सीनियर बनने का सपना ना देखते हुए दूसरे वरिष्ठ अधिवक्ताओ के अनुभवों से भी मार्गदर्शन लेना चाहिए ।

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